Saturday, March 30, 2013

सबको बता देना ..





एक सवाल के मानिंद मेरा एक जवाब यही कही फ़िर रहा था ,
जो तुम देखो उसे , तो उसे उसकी मंजिल बता देना !

तुम गैरों से पूछते हो पते , अपनो के पास जाने को ,
जो तुम देखो किसी ऐसे इंसान को , उसे अपना बना लेना !

आँखों में इंतज़ार लिए , पतझड़ में एक पत्ता और गिर गया ,
जो देखो तुम फूल नया बहार में , उसे वो कहानी बता देना !

उन बीती रातो की यादों में , कहने सुनने में , रात बीत जायेगी ,
होगी सुबह , तो आ के मुझे आज का हाल बता देना !

आवाज़े भी मौजूद हैं , और परछाईयों की आहट भी है निगाहों में,
मसरूफियत छोड़ के , इंसान की इंसान से एक बार पहचान करा देना !

1 comment:

  1. मानिंद - Similar/ Type of
    मंजिल - Destination
    गैरों - Others/Strangers
    इंसान - Human
    इंतज़ार - Wait
    पतझड़ - Autumn
    पत्ता - Leaf
    बहार - Spring
    सुबह - Morning
    मौजूद - Presence
    परछाईयों - Shadows
    मसरूफियत - Busyness

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