Wednesday, October 10, 2012

पुरानी आदते





जब कभी भी याद तेरी आती हैं ,
आँखों में एक तेज़ बरसात हो आती हैं !

हो के अब दूर तुझ से , हमने तुझे पास पाया ,
गलतियाँ कल की , मुझे आज भी तडपाती हैं !

याद आता है , तेरा मेरे चश्मे को यूं ही साफ़ करते रहना ,
इन गीली आँखों से अब ... मुझे हर चीज़ धुंधली दिखाई देती हैं !

इस तक्कलुफ़ को मैंने खुद अपनाया है कि रोज़ तुझे याद करता हूँ ,
वरना कहाँ ये धड़कने... मुझे चैन से जीने देती हैं !

अब तो अफ़सोस हैं कि हम यूँ दूर हो गए,
पर जाने क्यों हर अक्स में तू ही नज़र आती हैं !

1 comment:

  1. बरसात - Rain
    गलतियाँ - Mistakes
    तडपाती - Torture
    चश्मे - Spectacles
    धुंधली - Not Clear Vision
    तक्कलुफ़ - Formality
    धड़कने - Heartbeats
    अफ़सोस - To Regret
    अक्स - Image

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