Tuesday, January 10, 2012

मशविरा- ए -ज़िन्दगी



ज़िन्दगी को बस एक नाव की तरह जीना,
आ जाए कितना भी बड़ा तूफ़ान, तुम हिम्मत कभी ना खोना,
पार कर के हर मुश्किल, मंजिल मिलेगी तुम को,
बस.. तब तलक तुम अपनी उम्मीद मत तोडना!

हर एक किरण, एक सूरज छुपाये होती हैं,
रात भी अँधेरे में, बस शोले दबाये रहती हैं,
वो तेरी सोच है, ना की लकीरें तेरे हाथो की,
जो तुझ से .. तेरा मुस्तकबिल छिपाए रखती हैं!

घबरा के हालात से, खींचना हाथ... नहीं काम वीर का,
ताकत ही नहीं, धैर्य भी हैं... आभूषण वीर का,
देखना समय की चाल और रहना सजग सदा ही
बस यही तो है.. रास्ता तेरे भाग्य के शिखर का!

हाथ मजदूर का सा रख .. तो तकदीर तख़्त सी मिलेगी,
मंजिल तो क्या.. तुझे खुशियाँ.. दो जहां की मिलेगी,
पाना-खोना बस नियम है .. जैसे दो साज़ जीवन के,
इन ही के संयोग से तुझे "उसकी" सारी नेमते मिलेंगी!

1 comment:

  1. तूफ़ान - Storm
    हिम्मत - Courage
    मंजिल - Destination
    किरण - Ray
    लकीरें - Lines
    मुस्तकबिल - Future/Fate
    धैर्य - Patience
    सजग - Alert
    शिखर - Top
    तकदीर - Fate
    तख़्त - Throne
    संयोग - Combination
    नेमते - Blessings

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