Tuesday, May 10, 2011

ज़िन्दगी- बस ऐसे जीना.....





उजालो से जब वास्ता रखना,
अंधेरो को अपना निगहबान रखना!

हवा.. जब तेज़.. बहुत तेज़ .. आँचल उड़ाने लगे,
पकडे तुम तमन्नाओं का .. हर दम .. दामन रखना!

पूरी हो हर ख्वाहिश .. जब कभी भी तेरी,
गज भर ज़मीन.. आखिरी सफ़र की.. तब भी तैयार रखना!

बुरा क्या, भला क्या... वक़्त की पहचान क्या है?
क्या होगा.. ये ना सोच.. बस अपना खुदा याद रखना!

गर्मी पड़े.. या.. सर्दी.... या हो चाहे फुहार,
तुम बस अपने तजुर्बे को याद रखना!

किसी कूचे से अगर .. दे सुनाई .. किसी की आवाज़,
हर दहकती आग के लिए चशम-ए-रहम साथ रखना!

तेरे साथ हुआ क्या-क्या बुरा.... उनको तू भूल ही जा,
क़यामत में पूछेगा "वो" ... अपनी नेकिया तू याद रखना!

1 comment:

  1. वास्ता in contact
    निगहबान Guardian
    तमन्नाओं Hopes
    ख्वाहिश Desires
    वक़्त Time
    गर्मी/सर्दी/फुहार Season of summer/winter/rain
    कूचे Street
    चशम-ए-रहम Water to help
    क़यामत Doom day
    नेकिया Good work done by one in his LIFE

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