Tuesday, October 27, 2009

मेरी चाहत



आज वो हमसे फिर एक बार खफा हैं,
लगे हैं सोचने की शायद हम बेवफा हैं,
हैं सोचा उन्होंने, जो हम ने भी ना सोचा,
क्योंकि, हमारे लिए तो बस... वो ही बस खुदा हैं!!

नहीं जानते वो की क्या कसक-ए-मोहब्बत होती हैं,
सही भी ना जाए, वो उल्फत क्या होती हैं,
जो ना जान पाओ.. तो वापिस चले आना,
हम ही बतायेंगे की क्या-क्या.... नसीहत-ए-इश्क होती हैं!!

मरमरी तेरी आँखों में बसने की चाह हैं.
मुझ आशिक को एक बार, तुझ पे मर मिटने की चाह हैं,
हैं तुझ में और मुझ में, 1 मुजरिम सा ये पर्दा....
अब सारे पर्दों को पार कर, हमसाया बनने की चाह हैं!!

1 comment:

  1. बेवफा Unfaithful lover
    कसक-ए-मोहब्बत pain for love
    उल्फत suffering
    नसीहत-ए-इश्क Advice of love
    मरमरी beautiful
    मुजरिम Accused
    पर्दा Curtain

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